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पंचमुखी हनुमान जी और वास्तु दोषों का निवारण Astrovastu Remedy of
Panchmukhi Hanuman Ji
जब भी हम नया घर बनाते हैं तो वास्तुशास्त्र के नियमों का पालन करते हैं परंतु कोई ना कोई कमी कहीं ना कहीं रह ही जाती है| जो घर पुराने बने हुए हैं उनमें तो अक्सर वास्तु दोष पाया ही जाता है | वास्तु दोष को दूर करने के बहुत सारे उपाय होते हैं| उनमें से एक है पंचमुखी हनुमान जी की प्रतिमा को घर में स्थापित करना| पंचमुखी हनुमान जी का अवतार बहुत दुर्लभ है| हनुमान जी ने रावण के भाई अहिरावण को मारने के लिए यह अवतार धारण किया था | वास्तु शास्त्र के अनुसार पंचमुखी हनुमान जी की प्रतिमा को घर के दक्षिण- पश्चिम कोने में स्थापित करना चाहिए| हनुमान जी हर तरह की नकारात्मक शक्तियों को दूर करने में समर्थ है| अगर आपके घर में किसी तरह का कोई भी वास्तु दोष है, घर में नकारात्मक शक्तियों का वास है, घर में सदैव कलह-क्लेश का वातावरण रहता है, व्यक्ति को रात की नींद अच्छे से नसीब नहीं होती है- तो इस स्थिति में आपको पंचमुखी हनुमान जी की मूर्ति को घर में जरूर स्थापित करना चाहिए| जिससे सब प्रकार के रोग, शत्रुओं और नकारात्मक शक्तियों का नाश होगा और हर तरह के वास्तु दोष का निवारण होगा| पंचमुखी हनुमान जी की मूर्ति घर में रखने से आपकी उन्नति के मार्ग में आने वाली सभी बाधाएं दूर होंगी और आपकी आर्थिक स्थिति बेहतर होगी| हनुमान जी की प्रतिमा में पहला मुख वानर का है जिसके प्रभाव से आपके दुश्मनों का नाश होगा| दूसरा मुख गरुण का है, जिससे आपके कामों में आने वाली रुकावटें दूर होती है | तीसरा मुख वराह का है जिससे आपको लंबी उम्र की प्राप्ति होती है और बीमारियों और रोगों का नाश होगा| इससे आपको प्रसिद्धि और शक्ति मिलेगी| चौथा मुख नरसिंह का है| इससे आपको डर, भय और तनाव से मुक्ति मिलेगी| पांचवा मुख मुख्य अशव का है| इससे आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी होंगी और आपके शरीर में शक्ति और ऊर्जा का संचार होगा| हनुमान जी की मूर्ति आप मंगलवार को घर में स्थापित करें| इतना ध्यान रखें कि हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी हैं तो बेडरूम में उनकी मूर्तियां को स्थापित नहीं करनी है|